तो क्या मामला रुपयों का था, साजिश करके फंसाया गया शिक्षक को ?... चर्चा तो यही हो रही
बदायूं। कुछ दिन पहले कादरचौक ब्लॉक के गांव धौकन नगला प्राथमिक विद्यालय में स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों से एक शिक्षक द्वारा छेड़छाड़ किए जाने का मामला सामने आया था। शिक्षक को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। पर, गांव में चर्चा तो कुछ और ही है। गांव के लोग दबी जुबान शिक्षक को निर्दोष बता रहे हैं।
ककोड़ा रोड पर स्थित धौकन नगला प्राथमिक विद्यालय में पास के ही एक दूसरे गांव की बच्ची यहां पढ़ने आती है। करीब 12 साल की यह बच्ची कक्षा पांच में पढ़ती है। आरोप था कि बच्ची से इसी स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक मंसूर अब्बास ने छेड़छाड़ की। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज कर आरोपित अध्यापक को गिरफ्तार कर लिया गया था।
मामला जब ठंडा हुआ तो गांव से दूसरी ही चर्चा निकलकर सामने आई है। कुछ ग्रामीणों की मानें तो मामला छेड़छाड़ का नहीं, बल्कि सरकारी राशि के दुरुपयोग का है। दबी जबान में कुछ ग्रामीणों का कहना है कि दरअसल, स्कूल में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके लिए काफी रुपया आया है। यहां की एक प्रमुख शिक्षिका पर निर्माण का जिम्मा है लेकिन कुछ दिन पहले उसके स्थानांतरण का आदेश आ गया। निर्माण कार्य के लिए आरोपित शिक्षक को जिम्मेदारी सौंपी जानी थी लेकिन शिक्षिका को इसमें घाटा नजर आने लगा, जिसके बाद इस साजिश का ताना बाना बुना गया।
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मामला उछालने के लिए रुपये दिए जाने की भी चर्चा
बदायूं। ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि शिक्षिका ने शिक्षक मंसूर को फंसाने के लिए कुछ लोगों को रुपये तक दिए हैं ताकि वे उस पर झूठा इल्जाम लगाकर उसे फंसा सकें। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, इसकी पुष्टि नहीं है। बताया तो यहां तक जाता है कि गांव के लोगों ने इसका विरोध करते हुए अपने बच्चों को स्कूल भेजना तक बंद कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक साजिश रचने वाली शिक्षिका को यहां से नहीं हटाया जाता, वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
(नोट- खबर ग्रामीणों की चर्चाओं पर आधारित है। 'सब की बात' न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।)
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