सब की बात न्यूज। बिहार की मानवी देश की पहली ऐसी दरोगा बनी हैं जो ट्रांसजेंडर हैं। लोगों के तानों से तंग होकर घर छोड़ने वाली मानवी दस साल बाद जब घर लौटी तो उनके तन पर पुलिस की वर्दी थी।
बिहार में बीपीएसएससी का रिजल्ट जारी हो चुका है। इस परीक्षा में 1275 अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट में शामिल थे। इस बार अभ्यर्थियों के सलेक्शन के लिए 842 पुरुष 450 महिलाएं और पांच सीट ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित की गई थी। पांच सीट में तीन सीट को ट्रांसजेंडर ने अपने नाम कर लिया है। इनमें मानवी मधु कश्यप को ट्रांसजेंडर दरोगा के पद के लिए नियुक्त किया गया है। मानवी बिहार के भागलपुर के रहने वाली है। मधु के पिता इस दुनिया में नहीं है, जिस कारण उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। मानवी के अनुसार, ट्रांसजेंडर होने के कारण उन्हें लोगों के बहुत ताने सुनने पड़े हैं। यह दौर उनके लिए बहुत मुश्किल था। दरोगा बनने का सपना उनके लिए आसान नहीं था। जब उनके पिता का देहांत हुआ था तब लोगों के ताने से परेशान होकर उन्होंने अपना घर छोड़ने का फैसला लिया और आस-पास लोंगों से मुंह छुपाकर घर से भाग निकलीं।
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बहुत मुश्किल भरा था सफर
- मधु के अनुसार, एक ट्रांसजेंडर के लिए यहां तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल होता है, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर उसने अपना सपना पूरा कर समाज को मुंहतोड़ जवाब दिया है। मधु पिछले 10 सालों से अपने घर नहीं गई है. लेकिन अब वर्दी पहनकर अपने घर वापस जाएंगी। वह बताती हैं कि जब वह दरोगा बनने का सपना देख रही थी तब उन्होंने कई कोचिंग सेंटर का रुख किया लेकिन कोचिंग सेंटर में एडमिशन नहीं हो पा रहा था क्योंकि ट्रांसजेंडर होने के कारण सभी उसे एडमिशन देने से मना कर रहे थे।
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जमकर की मेहनत, खूब बहाया पसीना
- मधु बताती है कि वह हर दिन आठ घंटे पढ़ाई करती और हर दिन पटना के गांधी मैदान में दौड़ने जाती थीं। आज इसी मेहनत का नतीजा है कि उसने दरोगा की फिजिकल टेस्ट में आठ मिनट के अंदर दौड़ पूरी कर यह टास्क पूरा कर लिया।