
80 रुपये लीटर मिलावटी पेट्रोल-डीजल बेचकर करते थे मोटी कमाई...पकड़े गए तो बोले-'गलती हो गई'
बदायूं। पेट्रोल-डीजल जहां सौ रुपये प्रति लीटर के आसपास मिल रहा है वहीं कुछ लोग इसे 80 रुपये प्रति लीटर बेच रहे थे। इस पर भी उन्हें पांच रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा था। कुछ केमिकल की मिलावट करके उन्हे मोटी कमाई हो रही थी। पुलिस ने जब ऐसे दो लोगों को पकड़ा तो वे बोले- 'साहब! गलती हो गई।'
मामला वजीरगंज क्षेत्र का है। प्रभारी निरीक्षक वजीरगंज अरविन्द कुमार मय टीम के साथ रविवार को गश्त पर थे। मुखबिर से मिल सूचना के आधार पर उन्होंने क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी नरेन्द्र कुमार, पूर्ति निरीक्षक शुभ्रा मिश्रा आदि के साथ बगरैन से आंवला जाने वाले मार्ग पर वसीम के घर पर छापा मारा। यहां टीम को मिलावटी डीजल के चार ड्रम (520 लीटर डीजल), पेट्रोल का एक ड्रम (180 लीटर पेट्रोल) तथा पेट्रोल के समान कथित पेट्रोलियम पदार्थ (650 लीटर) बरामद हुआ। यहां से एक कार के साथ दो सगे भाइयों वसीम और हसीन को गिरफ्तार किया गया जबकि उनका तीसरा भाई अनीस अहमद व पिता रईस अहमद फरार हो गए।
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नैफ्टा सॉलवेंट मिलाकर करते थे कमाई
बदायूं। पूछताछ में वसीम व हसीन ने बताया कि वे और उनके परिवार के लोग डीजल व पेट्रोल को खरीदकर लाते थे, जिसमें नैफ्टा सॉलवेन्ट मिलाकर उसे कम दामो पर गांव के सीधे साधे लोगो को बेच देते थे। गांव के लोग कम दाम होने के कारण डीजल व पेट्रोल खरीदकर ले जाते थे। वे इस मिलावटी डीजल व पेट्रोल को पांच रुपये के मार्जिन से 80 रुपये प्रति लीटर बेचते थे। इससे उन्हें काफी मुनाफा होता था। इसी से अपना परिवार चलाते थे। पकड़े जाने पर वे बोले- 'साहब गलती हो गयी। '
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पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।