हाथ-पैर हिलते दिखे तो बच गई जान...मरा बताकर कूड़ेदान में डाल दिया था नवजात

हाथ-पैर हिलते दिखे तो बच गई जान...मरा बताकर कूड़ेदान में डाल दिया था नवजात

बदायूं। सहसवान के एक नर्सिंग होम के स्टाफ पर लापरवाही और अमानवीयता का आरोप लगा है। आरोप है कि एक नवजात बालक को मरा बताकर कूड़ेदान में डाल दिया गया। वह तो गनीमत थी कि बालक के परिजनों ने कूड़ेदान में पड़ी गंदगी से निकले नवजात के हाथ-पैर हिलते देख लिए। यदि ऐसा नहीं होता तो कूड़े में ही उसकी मौत हो जाती। 

सहसवान के मोहल्ला मोहद्दीनपुर निवासी कुंवरपाल के अनुसार, उनकी पुत्री माला की शादी बरेली के भमोरा में हुई है। इन दिनों वह मायके में थी और गर्भवती थी। सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर उसने माला को बदायूं-मेरठ हाईवे पर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। यहां माला ने एक बालक को जन्म दिया। परिजनों का आरोप है कि जन्म के बाद नर्सिंग होम के स्टाफ ने बालक को मरा बताकर कूड़ेदान में डाल दिया था। जब घरवालों ने नवजात के बारे में स्टाफ से पूछा गया तो स्टाफ ने कह दिया कि बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था। मरा बच्चा कहां गया, इस बाबत पूछने पर स्टाफ ने कूड़ेदान की तरफ इशारा कर दिया। परिजनों को भरोसा नहीं हुआ तो उन्होंने कूड़ेदान में जाकर देखा तो नवजात बालक कूड़े के अंदर पड़ा था। इसी दौरान उसके हाथ-पैर हिलने लगे तो वहां हड़कंप मच गया । स्टाफ को कोसते हुए परिजन बालक को नगर के एक अन्य अस्पताल में ले गए जहां चिकित्सकों ने नवजात को जीवित बताते हुए उसका इलाज शुरू कर दिया है। कुंवरपाल ने नर्सिंग होम के स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। 

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मशीन में रखा था नवजात

बदायूं। बच्चे के कूड़ेदान में फेंके जाने से इतर नर्सिंग होम संचालक समेत स्टाफ का कहना है कि महिला का प्रसव नौ माह के बजाय कम अवधि में ही हो गया था, जिस कारण बच्चे को मशीन में रखा गया था। महिला के कुछ परिजन शराब के नशे में हंगामा करने लगे थे तथा कूड़ेदान में बच्चे को फेंकने का आरोप लगा रहे थे। यह गलत है। 

फोटोः साभार मीडिया स्रोत


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  • user by Sunil kumar

    Bdn ke neta harami hain

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  • user by अनिकेत साहू

    पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।

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  • user by संजीव कुमार

    भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।

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