
मुख्यमंत्री जी ! ये कानून नहीं जानते, ऐसे ही लड़ेंगे...पर आपका सिस्टम तो कुछ कर सकता है
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बदायूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो बदायूं में प्रबुद्धजनों को संबोधित करके चले गए, लेकिन जो प्रशासन दो दिनों से गायों को बेहोश करने के बाद बंद करके अपनी पीठ थपथपा रहा था, उसे शाम को ही दो सांड़ों ने चुनौती दे दी। संतोख सिंह तिराहे पर शाम को दो सांड़ ऐसे भिड़े कि राहगीरों की जान पर बन आई। एक बाइक सवार युवक तो ऐसा गिरा कि उसके काफी चोटें आईं लेकिन सांड़ के हमले से मरने के बजाय उसने चोटों की परवाह किए बगैर वहां से भागना उचित समझा। कुछ लोगों ने इसकी वीडियो बनाई तो कुछ पानी डालकर सांड़ों को वहां से भगाने का प्रयास करते दिखाई दिए। करीब 25 मिनट तक सांड़ों का मल्लयुद्ध जारी रहा और राहगीरों की सांसे अटकी रहीं। बीच में पुलिस की गाड़ी भी साइरन बजाती हुई निकल गई, क्योंकि कानून भी जानता है कि सांड़ कानून नहीं जानते। ऐसे में प्रत्यक्षदर्शी अपने अपने हिसाब से चुटकी भी लेते दिखाई दिए कि कम से कम प्रशासन तो इन सांड़ों से जनता को निजात दिलाने के लिए कुछ कर सकता है। ऐसे में लोग प्रशासन को कोसते रहे।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।