
नामजदों को अभयदान दे चुकी बदायूं पुलिस...सेल्समैन के परिवार वालों का धरना शुरू
'नामजद ज्योति मेंहदीरत्ता और पंकज खुराना से हुई मोटी सौदेबाजी', परिवार वालों ने लगाया आरोप
देशी शराब की दुकान के सेल्समैन मुकेश यादव की हत्या का मामला
बदायूं। कुंवरगांव क्षेत्र के दुगरैया में देशी शराब की दुकान चलाने वाले सेल्समैन मुकेश यादव के परिवार वालों को बदायूं पुलिस से अब कोई उम्मीद नहीं है कि वह उन्हें न्याय दिला पाएगी। परिवार वालों के अनुसार, नामजद ज्योति मेहंदीरत्ता और पंकज खुराना से आज तक पुलिस ने पूछताछ तक नहीं की, ऐसे में पुलिस से न्याय की उम्मीद करना बेकार है। परिजनों ने पुलिस पर नामजदों से मोटी आर्थिक सौदेबाजी करने का भी आरोप लगाया है।
ऐसे में पुलिस से आस खो चुके परिवार वालों ने कांग्रेस के साथ बुधवार से आंबेडकर पार्क में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
विगत 13 मई को सेल्समैन मुकेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड को एक महीना से ज्यादा का समय बीत चुका है और पुलिस इसे लूट की वजह से हत्या बताकर मामला लगभग बंद कर चुकी है। मृतक के परिवार वाले शुरू से ही आहूजा ग्रुप के एमडी और ब्लूमिंगडेल स्कूल के निदेशक ज्योतिमेहंदीरत्ता व उनके कथित मैनेजर पंकज खुराना पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने ही हत्या कराई है। दोनों को परिवार वालों ने नामजद भी कराया था लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लेना तो दूर बल्कि पूछताछ के लिए बुलाया तक नहीं गया। मृतक के भाई रामवीर ने बताया कि बदायूं पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं रहा। एडीजी से मिलकर आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसे में अब वे मजबूर होकर धरना प्रदर्शन शुरू कर रहे हैं। धरने पर परिवार की महिलाएं भी बैठी हैं। उन्होंने कहा कि यदि न्याय न मिला तो भूख हड़ताल भी शुरू की जाएगी। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी, चाहें इसके लिए उन्हें कुछ भी क्यों न करना पड़े।
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by Sunil kumar
Bdn ke neta harami hain
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by अनिकेत साहू
पूरा बदायूं का मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। अरे बेगैरत पत्रकारों दारू खरीदकर पी लो। मुफ्त की लेकर ज्योति बाबू के खिलाफ लिख भी न पा रए तो डूब जाओ चुलू भर पानी में। अमर उजाला दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टर बिकाऊ है। दारू के एक quater में बिक जाते है। पोर्टल वाले वैसे तो हगने मूतने की खबर तक चला देते है, लेकीन यहां किसी की हिम्मत नहीं हो रहे। साले बिकाऊ पत्रकार।
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by संजीव कुमार
भाजपा में ऐसे ही भरे हैं।